पुलवामा हमले में साल भर पहले शहीद हुए जांबाज को दी जाएगी श्रद्धांजलि

0
285

पुलवामा हमले में साल भर पहले आगरा के कहरई गांव के जांबाज कौशल कुमार रावत शहीद हुए थे। उनकी शहादत पर परिवार ही नहीं पूरे गांव को गर्व है। अब शहादत का दिन आने वाला है। पूरा गांव शहीद की याद में खोया है। शहीद दिवस पर गांव में श्रद्धांजलि दी जाएगी। (Dainik Jagran)

ताजगंज क्षेत्र के गांव कहरई निवासी 47 वर्षीय कौशल कुमार रावत सीआरपीएफ में नायक थे। वे 76 वीं बटालियन में तैनात थे। जम्मू से ट्रांसफर होकर पुलवामा हमले से कुछ दिन पहले ही जम्मू पहुंचे थे। 15 फरवरी, 2019 को उनके भाई कमल कुमार को फोन पर शहादत की सूचना मिली। पत्‍नी और बच्चे गुरुग्राम में रहते थे, उन्हें भी तभी पता चल गया। गांव में भी खबर फैलते देर नहीं लगी। दूसरे दिन शहीद की पार्थिव देह गांव पहुंची तो हर कोई शोकाकुल था। इससे पहले ही आसपास के हजारों लोग गांव पहुंच चुके थे। गांव के लोगों को एक तरफ शहादत पर गर्व था तो दूसरी ओर बेटे को खोने का दर्द भी। सभी में उबाल था कि हमले का बदला भी इसी अंदाज में लेना चाहिए।

शहीद की शहादत पर कहरई गांव की परंपराएं भी टूट गई। पूर्व में महिलाएं अंतिम यात्र में शामिल नहीं होती थीं। मगर, शहीद कौशल की अंतिम यात्र में गांव की महिलाएं भी शामिल हुईं। आज भी कौशल गांव के लोगों की यादों में हैं। पूरा गांव उनकी यादों से भरा है। गांव में 14 फरवरी को शहीद कौशल रावत को श्रद्धांजलि का कार्यक्रम होगा।

शहीद का परिवार अभी गुरुग्राम में रहता है। बेटे अभिषेक ने बताया कि वे श्रद्धांजलि कार्यक्रम के लिए गुरुवार को गांव में पहुंचेंगे।

15 दिन की छुट्टी बिताने के बाद 12 फरवरी, 2019 को वे गुरुग्राम से ड्यूटी पर गए थे। जम्मू पहुंचने के बाद उनके फोन ने काम करना बंद कर दिया। ऐसे में किसी साथी के फोन से उन्होंने पत्नी को रात करीब दस बजे फोन किया था। तब बताया कि मेरा फोन बंद हो गया है। 14 को सुबह पांच बजे पोस्टिंग के लिए जाना है। ड्यूटी पर पहुंचने के बाद नया सिम लेकर फोन करूंगा। इसके बाद फोन नहीं आया।

शहीद के पिता गीताराम का 11 जनवरी को देहांत हो गया। मां धन्नो देवी व परिवार के अन्य लोग श्रद्धांजलि कार्यक्रम की तैयारी कर रहे हैं।

 

 

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here