ममता के ‘जिहाद’ वाले बयान पर दिल्ली में शिकायत दर्ज

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ममता बनर्जी के खिलाफ शिकायत करने वाली अर्चना अग्निहोत्री ने अमर उजाला से कहा कि भारत एक शांतिप्रिय लोकतांत्रिक देश है। यहां किसी एक वर्ग को किसी दूसरे के खिलाफ हिंसा करने की छूट नहीं दी जा सकती। किसी नेता से इस तरह का बयान देना भी अपेक्षित नहीं है जिससे समाज में हिंसा भड़के…

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 28 जून को एक जनसभा के दौरान 21 जुलाई से भाजपा के खिलाफ जिहाद छेड़ने की बात कही थी। उनके इस बयान की काफी आलोचना हुई थी और पश्चिम बंगाल भाजपा ने इसका कठोर विऱोध किया था। अब उसी बयान पर दिल्ली में ममता बनर्जी के खिलाफ साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है। शिकायत में ममता बनर्जी पर भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या के लिए टीएमसी कार्यकर्ताओं को उकसाने का आरोप लगाया गया है। इस मामले पर कलकत्ता हाईकोर्ट में भी एक जनहित याचिका दायर की गई है।
अर्चना अग्निहोत्री ने आरोप लगाया है कि जिहाद शब्द एक विशेष धर्म के लोगों के द्वारा हिंसक तरीके से अपनी विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए उपयोग में लाया जाता है। ममता बनर्जी एक राज्य की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष हैं। उनके लाखों कार्यकर्ता और भारी संख्या में प्रशंसक हैं। आरोप है कि जिस तरह ममता बनर्जी ने भाजपा के खिलाफ जिहाद छेड़ने की बात कही है, उससे पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं की जान का खतरा बढ़ सकता है।
यह बात इस संदर्भ में और ज्यादा गंभीर हो जाती है कि पश्चिम बंगाल में हिंसक राजनीति का एक लंबा इतिहास रहा है और कुछ समय पहले हुए राज्य विधानसभा चुनाव के बाद भी अनेक भाजपा कार्यकर्ताओं की राजनीतिक हत्या की गई है। आरोप है कि मुख्यमंत्री की इस अपील के बाद राज्य में हिसा भड़क सकती है और लोगों की जान खतरे में पड़ सकती है।

ममता बनर्जी के खिलाफ शिकायत करने वाली अर्चना अग्निहोत्री ने अमर उजाला से कहा कि भारत एक शांतिप्रिय लोकतांत्रिक देश है। यहां किसी एक वर्ग को किसी दूसरे के खिलाफ हिंसा करने की छूट नहीं दी जा सकती। किसी नेता से इस तरह का बयान देना भी अपेक्षित नहीं है जिससे समाज में हिंसा भड़के। लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जिस तरह सीधे-सीधे भाजपा के खिलाफ जिहाद छेड़ने की बात कही है, यह एक संप्रदाय के लोगों को दूसरे संप्रदाय के खिलाफ भड़काने की साजिश है और इसे किसी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता।

उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक सिस्टम में जनता को अपनी पसंद के आधार पर कोई राजनीतिक दल चुनने या नकारने का अधिकार होता है। लेकिन केवल राजनीतिक मतभेद के कारण किसी दूसरे दल के खिलाफ जिहाद छेड़ने की बात हिंसक विचारधारा है जिसे भारत में स्वीकार नहीं किया जा सकता।

क्या कहा था ममता ने

पश्चिम बंगाल के बर्धमान में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने 21 जुलाई से भाजपा के खिलाफ जिहाद छेड़ने की बात कही थी। 21 जुलाई को ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस वामपंथी शासन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं के मारे जाने को याद करते हुए शहीद दिवस मनाती है। इस दिन पार्टी धर्मतला में एक बड़ी जनसभा का आयोजन करती है। ममता ने इसी सभा से भाजपा के खिलाफ जिहाद शुरू करने की बात कही थी।

ममता बनर्जी के इस बयान के बाद राज्य के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने एक प्रेस वक्तव्य जारी कर इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया था। उन्होंने मुख्य सचिव को बुलाकर मुख्यमंत्री के इस बयान को वापस लेने की बात भी कही थी। पश्चिम बंगाल भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने ममता के इस बयान के बाद राज्यपाल से मुलाकात कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की थी। हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद ममता बनर्जी ने इस बयान का गलत अर्थ लिए जाने की बात कही थी।

(Amar Ujala)

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