राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर एक बार फिर केंद्रीय जांच ब्यूरो ने शिकंजा कस दिया है। रेलवे में नौकरियों के बदले जमीनें हड़पने के मामले को लेकर उनके व उनके परिजनों से जुड़े 17 ठिकानों पर सीबीआई छापेमारी कर रही है।
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने रेलवे भर्ती घोटाले को लेकर पहले प्राथमिक जांच दर्ज की थी, उसे अब एफआईआर में बदल दिया गया है। एफआईआर दर्ज करने के बाद सीबीआई ने लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा व हेमा तथा कई आवेदकों के खिलाफ सर्च शुरू की। यह केस भादंवि की धारा 120 बी. आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की विभिन्न धाराओं में दर्ज किया गया है। यादव परिवार पर आरोप है कि उन्होंने 2008 से 2009 के बीच रेलवे में नौकरियां लगवाने के बदले कई संपत्तियां हथियाईं।
राजद सूत्रों का कहना है कि लालू के छोटे पुत्र व बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव इस वक्त लंदन में हैं। महज कुछ घंटों बाद तेजस्वी यादव को लंदन में ‘आईडियाज फॉर इंडिया कॉन्फ्रेंस’ में ‘देश के भविष्य’ पर परिचर्चा को संबोधित करना है। तेजस्वी को पहली बार किसी अंतरराष्ट्रीय मंच पर बात रखने का मौका मिला है।
आरोप है कि संप्रग सरकार के जब लालू यादव रेल मंत्री थे, तब नौकरी लगवाने के बदले में आवेदकों से जमीन और प्लॉट लिए गए थे। सीबीआई ने इस मामले में जांच के बाद लालू और उनकी बेटी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। लालू प्रसाद यादव 2004 से 2009 के बीच तत्कालीन संप्रग सरकार में रेलमंत्री थे। जब वह रेल मंत्री थे, जब ऐसे कई मामले सामने आए थे कि नौकरी के बदले जमीन दी गई थी।