आखिर क्यों गिराई कमलनाथ सरकार, सिंधिया को नौ महीने बाद भी देनी पड़ रही सफाई

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कांग्रेस के कद्दावर युवा नेता रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया नौ महीने पहले 10 मार्च को भाजपाई हो चुके हैं, लेकिन उपचुनाव में उन्हें लगातार खुद के भाजपाई होने और कमलनाथ की सरकार गिराने को लेकर सफाई देनी पड़ रही है।

कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की आईटी टीम के सूत्र का कहना है कि ज्योतिरादित्य की सफाई मध्यप्रदेश के लोगों के गले नहीं उतर रही है। कांग्रेस के युवा नेता का कहना है कि लोग गूगल और सोशल मीडिया में ज्योतिरादित्य को सर्च कर रहे हैं, लेकिन उनकी सफाई नहीं रास आ रही है।
भाजपा में जाकर पछता रहे सिंधिया :
कांग्रेस पार्टी के सचिव मनोज त्यागी पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के कार्यक्रम में लगातार सक्रिय रहते हैं। मनोज त्यागी का भी कहना है कि सिंधिया भाजपा में चले गए हैं, लेकिन वह जरूर भीतर से पछता रहे होंगे। मनोज का कहना है कि ग्वालियर-चंबल संभाग की जनता सिंधिया को माफ करने वाली नहीं है। वह कमलनाथ की सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप तो लगा रहे हैं, लेकिन जनता उनकी सफाई पर यकीन नहीं कर रही है।

वरिष्ठ पत्रकार अनिल जैन भी मध्यप्रदेश की राजनीति पर गहरी नजर रखते हैं। अनिल जैन ने कहा कि मध्यप्रदेश का उपचुनाव सिंधिया की ज्योति बुझने का संकेत है। वह मंगलवार को छिमक गांव(डाबरा) में सिंधिया की जनसभा का जिक्र करते हुए कहते हैं कि उन्हें सिंधिया काफी हताश और तनाव से भरे नजर आए।
जैन का कहना है कि जनसभा में सिंधिया इमरती देवी पर कमलनाथ की टिप्पणी का जिक्र करके पूर्व मुख्यमंत्री को नसीहतें दे रहे थे। उस समय इमरती देवी मंच पर रो रही थी। सिंधिया काफी आवेश और आक्रोश में थे। इस दौरान सिंधिया ने मंच पर इमरती देवी को गले भी लगाया। अनिल जैन का कहना है कि यह मुद्दा इतना बड़ा नहीं है, जितना किया जा रहा है। कारण साफ है कि उपचुनाव में सिंधिया के पास बताने के लिए नया और महत्वपूर्ण कुछ नहीं है। सच पूछिए तो उनका सबकुछ दांव पर लगा है।

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