राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का मुद्दा नियम 267 के तहत उठाने पर अड़े विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा में सोमवार को राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हो सकी और तीन बार के स्थगन के बाद सदन की बैठक दोपहर तीन बज कर करीब दस मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई. हंगामे की वजह से उच्च सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया.
देश के कई स्थानों पर संशोधित नागरिकता कानून(सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों के बीच सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर एनआरसी लाने के बारे में अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सदन में चंदन सिंह और नमा नागेश्वर राव के प्रश्नों के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. राय ने कहा, ‘अभी तक एनआरसी को राष्ट्रीय स्तर पर तैयार करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है.’ सदस्यों ने सवाल किया था कि क्या सरकार की पूरे देश में एनआरसी लाने की कोई योजना है?
लोकसभा में सोमवार को प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस समेत विपक्षी सदस्यों ने संशोधित नागरिकता कानून, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के विरोध में नारेबाजी की और विपक्षी सदस्य वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर का विरोध करते देखे गये. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सभी विषय उठाने का आग्रह किया लेकिन कांग्रेस और वाम दलों के सदस्य पूरे समय हंगामा करते रहे और अध्यक्ष ने शोर-शराबे के बीच ही प्रश्नकाल पूरा कराया.
सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू करने को कहा, वैसे ही कांग्रेस के सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के निकट पहुंच गए। कई सदस्यों ने ‘लोकतंत्र बचाओ’, ‘भारत बचाओ’ और ‘नो सीएए-एनआरसी-एनपीआर’ के नारे वाली तख्तियां ले रखी थीं. इस दौरान द्रमुक, सपा, बसपा और राकांपा के सदस्य अपने स्थान पर खड़े होकर कांग्रेस सदस्यों का समर्थन करते नजर आए. शोर-शराबे के बीच प्रश्नकाल में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर जब वित्त मंत्रालय से संबंधित पूरक प्रश्नों का उत्तर देने के लिए खड़े हुए तो कांग्रेस सदस्यों ने ‘अनुराग ठाकुर वापस जाओ’, ‘अनुराग ठाकुर शेम शेम’ और ‘गोली मारना बंद’ करो के नारे लगाए. जब भी ठाकुर पूरक प्रश्नों का उत्तर देने के लिए खड़े होते, विरोध में कांग्रेस सदस्य नारे लगाने लगते.