इस जमीन पर मस्जिद के अलावा चैरिटेबल अस्पताल, भारतीय तथा इस्लामिक सभ्यता के अध्ययन के लिये रिसर्च केंद्र व पब्लिक लाइब्रेरी बनाई जाएगी। भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक बोर्ड ने ट्रस्ट का नाम इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन तय किया गया है। ट्रस्ट के गठन की घोषणा के बाद जमीन लेने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
ट्रस्ट में अध्यक्ष सहित करीब 10 सदस्य रहेंगे। इनमें कानून के जानकार के अलावा सरकार का एक प्रतिनिधि भी होगा। सूत्रों के मुताबिक ट्रस्ट के अध्यक्ष पद पर बोर्ड के चेयरमैन जुफर फारूकी का नाम तय है। ट्रस्ट में बोर्ड के चेयरमैन के भरोसेमंद सदस्यों को तरजीह दी गई है। इनमें मो. जुनीद सिद्दीकी, विधायक अबरार अहमद, अदनान फर्रूख शाह, जुनैद सिद्दीकी और सैयद अहमद अली को फारूकी का भरोसेमंद माना जाता है।
ट्रस्ट में बोर्ड से बाहर के सामाजिक कार्यकर्ता व स्कॉलर को भी शामिल किया गया है। बाबरी मस्जिद विवाद को सुलह समझौते से हल करने के पैरोकार रहे राजधानी के एक स्कॉलर का भी ट्रस्ट में शामिल होना तय है।