घर में शराब रखकर निजी समारोह में मेहमानों का शराब परोसने और इसके लिए फीस वसूलने की नीति भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने बनाई थी। पिछली सरकारों से यह नीति चली आ रही है और भाजपा-जेजेपी गठबंधन सरकार ने ना तो इस प्रकार की कोई नई नीति नहीं बनाई है और न ही वर्ष 2020-21 की आबकारी नीति में शराब की एक भी अतिरिक्त बोतल की सीमा बढ़ाई, बल्कि अवैध शराब पर रोक लगाने के लिए नई आबकारी नीति में सख्त कदम उठाए हैं। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के मुख्यमंत्री काल में बनी इस नीति के तहत लाइसेंस फीस 500 रूपये की फीस में बढ़ोतरी करके एक हजार रूपये किया है।
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने विधानसभा के बाहर मीडिया द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में स्पष्ट कया कि घर में शराब रखने की नीति से अभिप्राय केवल निजी व सामाजिक समरोह में 24 घंटे के लिए अपने निजी मेहमानों को शराब परोसने के लिए लाइसेंस देना है। इस लाइसेंस के तहत कोई भी व्यक्ति अथवा शराब विक्रेता शराब की बिक्री नहीं कर सकता। आबकारी विभाग केवल फीस लेकर निजी समारोह में मेहमानों के लिए 24 घंटे के लिए शराब परोसने का परमिट प्रदान करता है। डिप्टी सीएम ने कहा कि यह नीति जब भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पास आबकारी विभाग था तब वर्ष 2007-08 में लागू की गई थी जो अब तक चली आ रही है। भाजपा-जेजेपी गठबंधन सरकार ने नई आबकारी नीति के तहत अवैध शराब पर अंकुश लगाने फीस में 500 रूपये से बढ़ा कर एक हजार रूपये की है तथा इंस्टपेक्टरी राज को समाप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन का प्रावधान किया है।
डिप्टी सीएम ने विपक्ष द्वारा आबकारी विभाग द्वारा घर में शराब रखने की नई नीति लागू करने के आरोपों का सिरे से नकारते हुए कहा कि भाजपा-जेजेपी गठबंधन सरकार ने यह नई नीति नहीं बनाई और बल्कि पुरानी चली आ रही नीति को सख्ती से लागू करने के लिए परमिट फीस बढ़ाई है। यह परमिट केवल 24 घंटे के लिए सुबह छह बजे से अगली सुबह छह बजे तक जारी होगा।
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जेजेपी-भाजपा गठबंधन सरकार अवैध शराब का उत्पादन, बिक्री और तस्करी रोकने के लिए कटिबद्ध है। इसी दिशा में सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए शराब की फैक्टरी में बनने वाली शराब की एक-एक बूंद की ठेके तक निगरानी के लिए ट्रैकिंग एंड ट्रैस तथा फ्लोमीटर सिस्टम लागू करने जा रही है। अवैध शराब का उत्पादन पाए जाने पर पहली बार में एक लाख रूपये, दूसरी बार में अढ़ाई लाख और तीसरी बार में पांच लाख रूपये जुर्माना करने का प्रावधान किया है। चौथी बार अवैध शराब का उत्पादन पाए जाने पर डिस्टलरी का लाईसेंस रद्द करने का प्रावधान किया है।