भविष्यवाणी के लिए टैरो कार्ड विधा को प्रश्न शास्त्र की तरह कैसे करते हैं उपयोग , जानिए

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भविष्यवाणी के लिए टैरो कार्ड विधा को मुख्य रुप से प्रश्न शास्त्र की तरह से प्रयोग किया जाता है। इसमें पूछे गए प्रश्न के अनुसार उत्तर देने के लिए तीन कार्ड निकाले जाते हैं और फिर कार्ड्स पर अंकित चित्रों में छुपे संकेतों से उत्तर दिया जाता है।

1. सबसे पहले अपने प्रश्न को मन में दोहरा लें या कहीं लिख लें।
2. इसके बाद कोई तीन कार्ड किसी भी क्रम में इस पैक से चुनें।
3. पहला कार्ड आपके सवाल पूछते समय आपकी मानसिक स्थिति की जानकारी देता है।
4. दूसरा कार्ड आपकी इच्छापूर्ति के लिए कौन – कौन से प्रयास करने होंगे इसके बारे में सूचना देता है।
5. अंतिम कार्ड आपके प्रश्न का फल घोषित करता है।

टैरो कार्ड ज्योतिष फलादेश की एक अद्भुत और प्राचीन विधा है, जिसके माध्यम से भविष्य में होने वाली घटनाओं को देखने, उनका आंकलन करने और उनसे जुड़ी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया जाता है। इसमें विभिन्न प्रकार की रूपरेखा और चित्रों से अंकित कार्ड का प्रयोग किया जाता है, जो स्वयं में एक अलग अर्थ लिए होते हैं। इन सभी कार्ड के दोनों ओर कुछ चित्र बने होते हैं, जिनके माध्यम से भविष्य में होने वाली किसी घटना का फलादेश किया जाता है। ज्योतिष की इस विधा का प्रारंभ लगभग 2 हजार साल पहले हुआ था। सेल्टिक नामक देश के लोगों द्वारा सबसे पहले इस विधा के माध्यम से भविष्य जानने का प्रयास किया गया।

एक टैरो डेक में 78 कार्ड्स होते हैं, जो प्रत्येक व्यक्ति के जीवन की घटनाओं पर आधारित होते हैं। इस डेक को फिर से दो भागों में विभाजित किया जाता है — मेजर अरकाना और माइनर अरकाना। मेजर अरकाना में 22 कार्ड होते हैं। जबकि 56 कार्ड्स माइनर अरकाना टैरोट कार्ड कहलाते हैं।

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