मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) का गैजेटेड नोटिफिकेशन जारी होने का (Arif Masood) ने विरोध किया है. आरिफ मसूद ने प्रदेश की कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Government) से गैजेटेड नोटिफिकेशन को खारिज करने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि बड़े ही अफसोस की बात है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के बाद भी यह लागू हो गया. अब हम इसका पुरजोर तरीके से विरोध करेंगे.
मसूद ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ को ज्ञापन सौंपकर इसे खारिज करने की मांग की जाएगी. मसूद ने यह भी कहा कि हर घर के बाहर यह स्लोगन लिखने की अपील की जाएगी कि हम कागज नहीं दिखाएंगे.
आरिफ मसूद भोपाल मध्य विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक हैं. उन्होंने सोमवार को धमकी दी कि यदि कमलनाथ के नेतृत्व वाली मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार राज्य में राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (NPR) लागू करने का अपना फैसला वापस नहीं लेगी तो वे समूचे प्रदेश में अपनी ही सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे.
आरिफ मसूद ने कहा कि ”केन्द्र सरकार द्वारा लागू किया गया एनपीआर अब मध्यप्रदेश के गजट में भी आ गया है. यह गलत काम हुआ है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी एवं पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी एनपीआर का विरोध कर चुके हैं. इसलिए मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा इसे प्रदेश में लागू करना गलत है. मध्यप्रदेश सरकार के इस निर्णय का हम विरोध करते हैं. ”
मसूद ने कहा, ‘‘एनपीआर को मध्यप्रदेश में लागू नहीं किया जाए. इस पर मैं अन्य लोगों के साथ मिलकर कमलनाथ से बातचीत करूंगा. यदि उनका निर्णय संतोषजनक नहीं रहा तो मैं 24 से 30 फरवरी के बीच किसी भी एक दिन भोपाल में आंदोलन करूंगा. इसके बाद हम समूचे प्रदेश में इस मांग को लेकर आंदोलन करेंगे.”
कांग्रेस विधायक ने कहा कि हर 10 वर्ष में होने वाली उस जनगणना से हमें कोई एतराज नहीं है, जिसमें जनगणना वाले आते थे और घर में कितने लोग हैं पता करके चले जाते थे. लेकिन वर्तमान में मोदी सरकार जो एनपीआर लाई है, उसमें लोगों से उनके बाप एवं दादा के नाम सहित छह अन्य सूचनाएं मांगी जाएंगी. इस प्रकार की जनगणना नहीं की जानी चाहिए.