प्रचार के लिए न हो पूजा स्थलों का इस्तेमाल- चुनाव आयोग

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पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में इस साल विधानसभा चुनाव और विभिन्न उपचुनाव होने हैं। इससे पहले चुनाव आयोग ने अपने क्षेत्रीय तंत्र और राजनीतिक दलों को कानून और आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों की याद दिलाई है, जो चुनाव प्रचार के लिए पूजा स्थलों के किसी भी तरह के इस्तेमाल पर रोक लगाते हैं।

आयोग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को 19 जनवरी को पत्र लिखा। इसमें चुनाव आयोग ने उन्हें इस मुद्दे पर 2012 के निर्देशों की याद दिलाई, जिनमें कहा गया था कि आदर्श आचार संहिता के मौजूदा प्रावधान किसी भी तरह से चुनाव प्रचार के लिए एक मंच के रूप में पूजा स्थलों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाते हैं।

पत्र में कहा गया है, ‘इसके अलावा, धार्मिक संस्थान (दुरुपयोग रोकथाम) अधिनियम, 1988 की धारा 3, 5 और 6, किसी भी राजनीतिक विचारों या राजनीतिक गतिविधि के प्रचार या प्रचार या किसी भी राजनीतिक दल के लाभ के लिए धार्मिक संस्थानों या धार्मिक संस्थानों के धन के उपयोग पर प्रतिबंध लगाती है।’ इसमें कहा गया है कि इनमें से किसी भी धारा के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर पांच साल तक की कैद और जुर्माने का प्रावधान है। पत्र की एक प्रति सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय दलों के नेताओं को भेजी गई है।

आयोग चाहता है कि मौजूदा कानून के प्रावधानों को सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों और रिटर्निंग अधिकारियों के संज्ञान में लाया जाए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चुनाव के दौरान इन प्रावधानों के किसी भी उल्लंघन से सख्ती से निपटा जाए और धार्मिक संस्थान (दुरुपयोग की रोकथाम) अधिनियम की उक्त धाराओं के तहत किसी भी अपराध की स्थिति में संबंधित प्रावधानों के तहत प्राथमिकी/शिकायत दर्ज की जाए। ”

आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से यह भी कहा कि वे चुनाव संहिता और कानून के प्रावधानों को राजनीतिक दलों की राज्य इकाइयों सहित उनके राज्यों में स्थित सभी राजनीतिक दलों को उनकी जानकारी के लिए प्रसारित करें।

वहीं नागालैंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी शशांक शेखर ने आज शनिवार को कोहिमा में व्यय निगरानी उपाय के संबंध में राजनीतिक दलों के साथ बैठक की। उन्होंने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को प्रत्येक उम्मीदवार के लिए 28 लाख रुपये के खर्च की सीमा का पालन करने की भी जानकारी दी।

त्रिपुरा में 16 फरवरी, नगालैंड और मेघालय में 27 फरवरी को विधानसभा चुनाव होंगे और मतगणना दो मार्च को होगी। नगालैंड और मेघालय के साथ ही लोकसभा की एक और विधानसभा की छह सीटों पर 27 फरवरी को उपचुनाव होगा।

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