मोदी भक्त’ कहने पर भड़के वकील आदिश अग्रवाल, बोले-नुसरत मिर्जा को नहीं बुलाया तो अंसारी को बुरा लगा था

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वकील आदिश अग्रवाल पीएम नरेंद्र मोदी की आत्मकथा के सह-लेखक भी हैं। उन्होंने बयान जारी कहा कि कांग्रेस दावा कर रही है कि पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा ने उनके द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में भाग लिया था। यह गलत है।पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा को भारत आमंत्रित करने से जुड़े हामिद अंसारी मामले में अब ऑल इंडिया बार एसो. के अध्यक्ष आदिश अग्रवाल ने कांग्रेस पर पलटवार किया है। कांग्रेस ने अग्रवाल को ‘मोदी भक्त’ बताते हुए दावा किया है कि उन्होंने भी मिर्जा को एक कॉन्फ्रेंस में बुलाया था। इसके जवाब में अग्रवाल ने कहा कि अंसारी चाहते थे कि मिर्जा को बुलाया जाए, लेकिन उन्हें नहीं बुलाया गया तो इसका तत्कालीन उपराष्ट्रपति को बुरा लगा था।

वकील आदिश अग्रवाल पीएम नरेंद्र मोदी की आत्मकथा के सह-लेखक भी हैं। उन्होंने बयान जारी कहा कि कांग्रेस दावा कर रही है कि पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा ने उनके द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में भाग लिया था। भाजपा ने शुक्रवार को पूर्व राष्ट्रपति हामिद अंसारी के खिलाफ डॉ. अग्रवाल के ताजा दावे का समर्थन किया। अग्रवाल ने गुरुवार को बयान जारी कर दावा किया कि अंसारी और कांग्रेस ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद और मानवाधिकार पर न्यायविदों के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का जिक्र किया, लेकिन एक अन्य सम्मेलन के बारे में बात नहीं की, जबकि ये दो अलग-अलग सम्मेलन थे, जिनके बारे में अंसारी व कांग्रेस बात कर रहे हैं।
अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस नेता यह आरोप लगा रहे हैं कि मेरे द्वारा आयोजित सम्मेलन में मिर्जा ने भाग लिया था। यह गलत है। कांग्रेस सिर्फ इस आधार पर लाभ उठाने की कोशिश कर रही है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आत्म कथा के सह-लेखक हैं। कांग्रेस नेता मेरे बारे में गैर-जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं।

अग्रवाल ने अपने बयान में कहा कि वह रिकॉर्ड के आधार पर तथ्यों को स्पष्ट करना चाहते हैं। यह कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद और मानवाधिकार पर न्यायविदों का अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन 11 और 12 दिसंबर, 2010 को विज्ञान भवन हुआ था। तत्कालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने सम्मेलन में भाग लिया था, लेकिन नुसरत मिर्जा न तो आमंत्रित थे और न ही उन्होंने इसमें भाग लिया था। यहां तक कि नुसरत मिर्जा ने भी अपने साक्षात्कार में इस सम्मेलन का उल्लेख नहीं किया है। इस सम्मेलन में हामिद अंसारी को न्योता भारत के उपराष्ट्रपति होने के चलते दिया गया था। अशोक दीवान,  जो कि उस वक्त उपराष्ट्रपति सचिवालय में निदेशक थे, ने सूचित किया था कि अंसारी की इच्छा है कि नुसरत मिर्जा को सम्मेलन में बुलाया जाए।

अग्रवाल ने दावा किया कि मिर्जा चूंकि मीडिया से थे, इसलिए और पाकिस्तान के जजों व वकीलों को भी इस सम्मेलन में नहीं बुलाया गया था, इसलिए अंसारी का आग्रह खारिज कर दिया गया। उन्होंने कहा कि दीवान ने इस सम्मेलन के एक दिन पहले उन्हें फोन किया कि मिर्जा को नहीं बुलाने से उपराष्ट्रपति नाराज हैं और वे अब सम्मेलन में सिर्फ 20 मिनट के लिए भाग लेंगे, जबकि पहले वे एक घंटे रुकने वाले थे। बाद में जब वे सम्मेलन में आए तो मात्र 20 मिनट में लौट गए, जैसा कि दीवान ने बताया था।

इस मामले में भाजपा ने अग्रवाल के बयान का समर्थन किया। प्रवक्ता गौरव भाटिया ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा द्वारा पूछे गए कांग्रेस पार्टी और हामिद अंसारी से सवालों के जवाब में अंसारी जी ने सारा ठीकरा कांग्रेस सरकार पर फोड़ा दिया है। अंसारी का कहना है कि जो उपराष्ट्रपति के कार्यक्रम में बुलाए जाते हैं वो सरकार की सलाह से बुलाए जाते हैं, लेकिन संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्ति की जिम्मेदारी भी बड़ी होती है। किसी भी व्यक्ति से ऊपर हमारा देश भारत है और भारत के नागरिकों का हित है।

पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा ने दावा किया है कि उन्हें हामिद अंसारी ने कई बार भारत आमंत्रित किया गया था। यहां से लौटने पर उन्होंने पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई को भारत के बारे में गुप्त जानकारियां दी थीं। इन आरोपों को अंसारी ने कोरा झूठ करार दिया है। अंसारी ने कहा कि उन्होंने कभी किसी को आमंत्रित नहीं किया। उपराष्ट्रपति द्वारा विदेशी गणमान्य व्यक्तियों को निमंत्रण आमतौर पर विदेश मंत्रालय के माध्यम से ही और सरकार की सलाह से दिए

(Amar Ujala)

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