वही फर्जी देशभगत पार्टी सिखों खालिस्तानी बता रही है जो चुनाव के दौरान सिखों को 84 दंगे याद दिलाकर खुद को हितेषी बता रही थी

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चुनाव के दौरान बीजेपी ने 84 वाला दंगा पूरे जोर शोर से उठाया , सोशल मीडिया में और अलग अलग प्लेटफॉर्म पर ये दिखाने की कोशिस की के बीजेपी से बड़ा हितेषी सिखों का और कोई नहीं हो सकता। सिखों चुनाव में वोट लेने के लिए बहुत तरह से दिखावा किया। चनाव के दौरान सरदार प्रकाश सिंह बदल के पार्टी जो सिख पार्टी है देशभगति के साथ NDA में साथ रही। बीजेपी की सरकार बनवाने में पूरा योगदान दिया. 30 साल तक सरदार बादल साथ थे तब तक तक सभी हमारे सिख भाई जो सही में देशभगत हैं जिनका हर आजादी में सबसे बड़ा योगदान है चाहे देश के आजादी हो या फिर हिन्दू धरम को बचाने के लिए सहादत हो पूरी तरह से बीजेपी ने जो सभी को देशभगति का सर्टिफिकेट देते हैं जो इस पार्टी पे खुद लागू नहीं होता , देशभगति का सर्टिफिकेट दिया हमारे पंजाब के भाईओं को।तब तक सभी पंजाबी और सिख देशभगत थे अब सरदार बादल ने समर्थन वापिस ले लिए मजबूरी में और अब जब बीजेपी का काम निकल गया और हमारे किसान भाईओं ने जो पंजाब में ज्यादा सिख भाई हैं अपना किसानो को हक़ माँगा और तीन काले कानून को रदद करवाने के लिए आंदोलन किया , अब बीजेपी का दोहरा चरित्र सामने आ रहा है अब बीजेपी सरकार और बीजेपी पार्टी को सभी पंजाब के किसान खालिस्तानी लग रहे हैं देश द्रोही लग रहे हैं और टीवी पर इनके प्रवक्ता किसानो को देशद्रोही खालिस्तानी लाइव बोल रहे हैं। ये दर्शाता है की इस पार्टी को देश से , देश के लोगों से , देश के किसान और जवानो से कोई मतलब नहीं , इनको केवल और केवल अपने सत्ता से और बड़े बड़े कॉरपोरेट से मतलब है जो इनका घर भरता हो ,सत्ता के लिए ये लोग किसी हद तक जा सकते हैं इसके लिए चाहे देश में दंगे हों चाहे कोई भूखा मरे.
शर्म की बात तो ये है जो सिख कौम जान देती है कुर्बानिया देती है देती आये है उन लोगों को देशद्रोही बताया जा रहा है जबरदस्ती खालिस्तानी बताकर खालिस्तान नाम के जिन को जिन्दा कर कर रहे हैं खुद बीजेपी , ये भली भाति जानते हुए के केवल पंजाब का किसान ही नहीं सारे देश का किसान आंदोलन कर रहा है। किसान आंदोलन को पंजाब का आंदोलन खालिस्तान का आंदोलन बता कर किसानो को बदनाम किया जा रहा है सिखों को बदनाम किया जा रहा है और देश को लोगों को गुमराह किया जा रहा है हिन्दू सिख मुस्लिम के नाम पर ताकि आंदोलन के सचाई और सरकार के काले कारनामे आम आदमी देशवाशियों को दिखाई ना दे
पिछले दिनों कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें वायरल हो रही हैं. इन तस्वीरों के देखने से साफ झलकता है कि कुछ लोग किसान आंदोलन की आड़ में देश विद्रोही गतिविधि को बढ़ावा दे रहे हैं. कौन हैं ये लोग साजिश के तहत किशानो को बदनाम किया जा रहा है , किसानो खालिस्तानी बताकर खुद बीजेपी प्रवक्ता और पार्टी सिखों को पंजाब को अलग थलग करने में लगी है , इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता की जो कुछ दिन पहले ही आंदोलन में शामिल एक शख्स कह रहा था कि जो हाल इंदिरा गांधी का हुआ था वही हाल मोदी का भी होगा ये राजनैतिक पार्टी की मिलीभगत नहीं है किसानो को बदनाम करने के लिए , वाकई में यह बयान किसी आंदोलनकारी का नहीं हो सकता.
किसान नेताओं ने कहा है कि वो किसी को भी मंच नही दे रहे हैं. जो किसानों को बिना फायदे उठाए समर्थन दे रहे हैं, हम उनका स्वागत कर रहे हैं. किसान संगठनों के अलावा जो लोग इस आंदोलन में शामिल होने की कोशिश कर रहे हैं, हमें ऐसे लोगों की बिल्कुल जरूरत नहीं है. किसानों ने साफ किया है कि वो ऐसे किसी भी व्यक्ति को मंच नहीं देंगे, जो इसका फायदा उठाए. सिर्फ किसान ही इस प्रदर्शन में शामिल होंगे.’

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